मंगलवार, अक्तूबर 28, 2008
आशा की किरण है स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया/
अमेरिका,इंग्लॅण्ड,की बड़ी बड़ी बैंकों ने अपने दिवाले निकाल दिए/वैश्विक वित्त संकट के चलते कई कम्पनियां घातेंमैं आ गई/इस घबराई स्थिथि मैं अस.बी.ई.और जी.बी.नी ने शान से अपना सर ऊँचा उठाया है/जब शेयर मार्केट का आंकडा ८५०० से नीचे जा रहा था तब अस.बी.ई। ने जरी वित्त वर्ष मैं प्रथम तिमाही मैं २२५०करोद का शुद्ध मुनाफा कमाया/हमारे देश मैं इतना तलेंट है की वित्त प्रबंधन सीक्खने के लिए हमें किसी बाहरी देशों के प्रशिक्षण की जरूरत नही /जरूत इस बात की है हमारी सरकार इन संस्थाओं मैं हस्तक्षेप न करें और बैंकिंग तथा बीमा क्षेत्रों मैं विदेशी संस्थाओं को जायदा हिस्सेदारी नदे /
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1 टिप्पणी:
एकदम सत्य वचन करमरकर साहेब, और 1000 रुपये में आज भी स्टेट बैंक का शेयर बढ़िया ही है… किसी भी और शेयर के मुकाबले…
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