सोमवार, नवंबर 28, 2011

wall mart ka swagat hai /////////magar

हमारा देश सैदेव थोड़े थोड़े दिनों मैं बुखार से पीड़ित हो जाता है. कभी रामदेव . का बुखार,कभी अन्ना का बुखार, कभी चिदंबरम और वित्त मंत्री की चिट्ठी का बुखार न जाने कैसा कैसा बुखार.अभी ताजा बुखार fhir  आया है, और वह है वाल्ल्मार्ट का बुखार. किराने के खुदरा व्यापार के लिए करने के लिए सरकार ने वाल्ल्मार्ट को इक्कावन प्रतिशत पूंजी की हिस्सेदारी की निवेश की अनुमति दी है.एक बवंडर मचा है.क्या मायावती,क्या उमाभारती ,मूंदे,रशीद अल्वी, प्रणव डा आनंद शर्मा बार बार कपडे बदलकर टी वी चेनलों पर आ रहे हैं.अपने अपने तर्क प्रस्तुत कर रहें हैं.इस क्षेत्र मैं यानि खुदरा व्यापार मैं शून्य या जीरो तकनीक काम मैं आती है. विदेशी कम्पिनियाँ ऐसे क्षेत्र मैं क्यों नहीं आती.जिसमे उन्नत तकनीक काम मैं आती हो. जैसे विमानन,पनडुब्बी,कम्पुटर मिसाइल,ड्रोन हवाई जहाज आदि. किराने के खुदरा व्यापार मैं केवल पूंजी और प्रबंध चाहिए. तकनीक नहीं.  और हम न पूंजी मैं कम हैं न प्रबंध मैं कम हैं.    महिला.पुरुषों ,बच्चों के वस्त्र,तेल साबुन, बोतलबंद पानी,पेय आदि मैं तकनीक नहीं चाहिए. आज एयर इण्डिया और इंडियन एयर लाइन्स मृत शैय्या पर पड़े हैं. उपग्रह लांचिंग मैं हमें कुछ सामग्री बहार से मांगना पड़ती है ,पनडुब्बी हम विदेशों से खरीदते हैं. ड्रोन विमान हमारी कल्पना से बहार हैं,सुपर कम्पुटर हमारे यहाँ बन चूका है मगर व्यापक स्तर पर नहीं.        विदेशी कम्पनियाँ ऐसे क्षेत्रों मैं क्यों कर नहीं आती?और हमारी सरकार उन्हें क्यों नहीं बुलाती?केंचुकी  ईड चिकन,जींस,टी शर्ट ,कोकोकोला ,क्रीम आदि उत्पादों मैं इनकी जरूरत नहीं है. सरकार वाल्ल्मार्ट  और अन्य कंपनियों को बुलाये मगर पहिले तकनीक वाले क्षेत्रों मैं आमंत्रित करें /वाल्ल्मार्ट का स्वागत है मगर पहिले तकनीक वाली कम्पनियां आगे आवे.

रविवार, नवंबर 27, 2011

vaicum cleaner ke liye sthai sanyojan

रेलवे स्टेशनों पर सफाई के लिए वैक्कुम क्लीनरों का उपयोग किया जाता है.इस मशीन से सफाई करते रहने एवं कचरा खींचने मैं उर्जा और श्रम कम लगते हैं. मगर इसे चलते रहने के लिए विदुयतसंयोजन के तार एक बड़ी और भारी केबल मैं होते हैं,/इस केबल को एक सिरे से दुसरे सिरे तक खींचते रहने मैं बहुत ज्यादा परिश्रम एवं उर्जा लगती है. /अतः हो यह रहा है की सफाई कर्मचारी को इस मशीन को चलते रहने के लिए भारी,लम्बी केबल को उठाने ,खींचने ,पलटने मैं अधिक श्रम और उर्जा लगती है. जो उर्जा का एक नुकसान है. इसकी बजाय जिस तरह बल्ब, tube लाइट ,डिस्प्ले बोर्ड के लिए ऊपर स्थायी कनेक्शन होते हैं, उसी प्रकार इस मशीन के लिए भी एक स्थाई कनेक्शन दे दिया जाय और इसके साथ एक ऐकड़ी नुमा खड़ा तार जोड़ दिया जाय /ठीक उसी तरह जैसे रेल इन्जीन के साथ साथ एक ऐकड़ी चलती है और वह ऐकड़ी बिजली के संयोजन को बनाए रखती है और इन्जीन गाड़ी को खेंचता रहता है. इस युक्ति से सफाई कर्मचारी की वह उर्जा जो लम्बी,भारी केबल को खीन्चेने मैं व्यर्थ जा रही है उसका उपयोग कचरा उठाने मैं ,कचरे को खींचने मैं हो सकेगा. और श्रमिक की काम करने की दक्षता बढ़ेगी. इस विभाग के पास बिजली और यांत्रिकी के अभियंताओं की कमी नहीं हैं. जब रतलाम मंडल मैं एक हीरे की आकृति का क्रास्सिंग बन सकता है,जो कल्पना से परे है तो ऐसा बिजली संयोजन भी हो सकता है.

शनिवार, नवंबर 26, 2011

dono deshon ke nyayaadheeshon ka aabhar.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश श्री न्याय मूर्ति इफ्तेखार चौधरी की अध्यक्षता मैं बनी १७ सदस्यीय समिति एक याचिका के सन्दर्भ मैं निर्णय दिया है की पाकिस्तान के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ जो मुकद्दमे चल रहे थे ,और बंद कर दिए गए थे वे पुनः खुलेंगे. और इन नेताओं को आम माफी भी नहीं दी जाएगी. भारत मैं भी दो गी स्पेक्ट्रम के मामले मैं कई दिग्गज नेताओं की दलील थी की इस मैं जो नुकसान बताया गया है वह ''शून्य नुकसान'',नोशनल लोस या किताबी नुकसान हैं. किन्तु माननीय न्यायालय ने इन नेताओं के तर्कों और सरकार की दलीलों पर कोई ध्यान न देते हुए शीग्र कार्रवाही करने को  कहा.परिणाम हमारे सामने हैं. कैसे करोंडो की धनराशी इस खाते से उस खाते मैं गयी?और कैसे एक के बाद एक नेता और दिग्गज तिहाड़ मैं गए. दोनों देशों के नेताओं ने कोहराम मचा रखा है. गरीब ठेलेवाला,हम्माल,आदिवासी,दिहाड़ी मजदूर चोरी करे तो वह भयंकर अपराधी.जब की उसे पेट भरने और बच्चों का इलाज करने  उनके पढाई लिखाई का इंतजाम करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इसे सजा,जेल,हथकड़ी, आदि आदि. और इन नेताओं को आम माफी. जो गुल्छारें उडाएँ,सोने के पलंग पर सोयें,सोने का बेल्ट पहिने.लाख दस लाख से व्यापार आरम्भ कर दस पाँच सालों मैं अरबपति हो जाएँ. इन के पास हवाई जहाज आ जाएँ .इन्हें माफी. क्या चिंतन है/दोनों देशों के न्यायमूर्ति बधाई के पात्र हैं.इन आदरणीय न्याय मूर्तियों ने दोनों देशों की जनता के साथ न्याय तो किया ही है ,उन्हें एक अन्धकार मैं प्रकाश का मार्ग बताया है.

गुरुवार, नवंबर 17, 2011

pranav DA vastav main DA

कांग्रेस नीट यु.पी.ए२ केग की रिपोर्ट से परेशां है.इस रिपोर्ट के प्रभाव से कई दिग्गज राजनीतिग्य और औध्योगिकघरों के रसूखदार लोग तिहाड़ जेल मैं बंद है. सरकार की विश्व नीयता और नीयत पर संदेह की निगाह से देखा जा रहा है. हालाँकि ऐसी बात नहीं है.फिर भी केग की वार्षिक वर्षगांठ के अवसर पर बोलते हुए प्रणव मुखर्जी ने केग की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा है की केग ने अपने उत्तरदायित्व को निभाया.कार्यकुशलता से कम किया और कर्तव्य को पूरा किया. जहाँ एक और कई नेता केग द्वारा इंगित किये गए नुकसान को किताबी नुकसान या नोशनल लोंस बताते हैं वहां प्रणव दा केग की तारीफ करतें हैं.प्रणव दा वित्तमंत्री हैं/सरकार मैं नम्बर २ पर हैं/कांग्रेस और सरकार के संकट मोचक हैं/कई समितियों के अध्यक्ष हैं/मंत्री समूहों की समिति के अध्यक्ष हैं/किन्तु इन सब पदों से ऊपर उठकर वे प्रणव दा हैं. वास्तव मैं प्रणव जी ''दा'' हैं./

बुधवार, नवंबर 16, 2011

computer,kishor aur dimag aur praudh

बेल्जियम के घेंट विश्व विद्यालय के शोध वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन मैं पाया की कम्पुटर पर बड़ी देर तक खेल खेलने वाले किशोरों की दिमागी रचना अलग किस्म की होती है. इनका दिमाग तार्किक होता है. अध्यन से यह पता चलना शेष है कि ये गेम खेलने से दिमाग तार्किक होता है या पहिले से तार्किक गेम वाले यह खेल खेलना पसंद करतें हैं/ इम्पेरिअल कालेज लन्दन के डाक्टर बौडेन जोंस का कहना है कि यह अध्यन स्नायु और नसों सम्भंधी बिमारियों के निदान मैं कारगर होगा. डाक्टरों ने प्रौढ़ों को सलाह दी है कि वे कम्पुटर पर बैठे  ता कि उनके दिमाग कुंद,चिडचिडे और भुल्भुले न हों.हो सकता है ऐसे शोध हमारी पीढी को मददगार साबित हो.

मंगलवार, नवंबर 15, 2011

bail out packege .

आजकल ओद्योगिक घरानों मैं एक परंपरा चल पडी है, और यह तब से बढ़ गयी है जब से भूमंडलीकरण आरम्भ हुआ है. एक और तो बड़े बड़े कर्पोराते सेक्टरों को बेल आउट पैकेज दिया जाता है जो १/२ करोड़ का नहीं बल्कि हजारों करोड़ों मैं होता है.जैसे अभी किंग फिशेर एयर लाइंस को घाटा हुआ है /नागरिक उड्डयन मंत्री वैय्लर रवि वित्तमंत्री से बात करेंगे और सर्कार से गुहार लगायेंगे की किंग फिशेर को बैल आउट पैकेज दे.ता की यह एयर लाइंस बंद न हो. क्या सर्कार ने कभी यह सोचा है की गाँव और शहरों मैं जो छोटे छोटे दुकानदार,मेकेनिक,ची नमकीन बेचकर गुजारा करने वाले कई बार संकट ग्रस्त हो जातें हैं ,उन्हें दुकान बंद कर देनी पड़ती है. राषट्रीय और राज्ज्य मार्गों पर कई खाने पीने की दुकाने,ढाबे,पंचेर सूधारने की दुकाने नुकसान के कारण बंद करना पड़ते हैं.इन छोटे छोटे संस्थानों के मालिक महगा और विलासी जीवन नहीं जीते. विजय मल्ल्या की तरह किसी क्रिकेट टीम को प्रायोजित नहीं करते. इनके लिए कभी बैल आउट पकेजे की बात सामने आयी क्या?राहुल बजाज भी कार्पोरेटसेक्टर मैं एक आदरणीय हस्ताक्षर हैं. उनकी सलाह कितनी सही है की घाटे के कारण यदि किंग फिशेर बंद होता हो तो हो. एक और सरकार कर्मचारियों के लिए परंपरागत पेंशन बंद कर नए नियम ला रही है.पेंशन को अंशदायी बनाकर उसे ब्बजार से जोड़ रही है. ता की बाजार घाटे मैं जाय तो पेंशन देने के लिए सरकार बाध्य नहीं. २००४ के बाद सेवानिव्व्रत होने वाले कर्मचारी को अंशदायी पेंशन होगी.सरकार क्यों कर पशचिमी देशो की नक़ल कर रही है. अमेरिका.ग्रीस.आदि शसक्त देशो की हालत आज क्या है?उनके उद्योग ,बैंके,घाटे मैं क्यों हैं?बार बार बैल आउट पैकेज देने के बाद भी वहां आर्थिक मंदी क्यों हैं/ इसके कारण खोजना तो दूर हम नकाची बन्दर की तरह अँधा अनुसरण ही किये जा रहें हैं/ जब की प्रधानमंत्री ने स्वयं जी ८ देशों के सम्मलेन मैं कहा है की भू मंडलीकरण का लाभ आम आदमी को नहीं मिल रहा है. सरकार इस दिशा मैं  सोचे और ये बैल आउट पकेज देना बंद करे.किसान कृषि कर्जन देने के कारण अपनी बेल जोड़ी ,ट्रक्टर नीलम होने दे.और आत्म हत्या कर ले ,गरीब दुकानदार घटा होने के कारण दोकान बंद कर दे और भीख मांगने लग जाय.उसे कोई मदद नहीं और इन बेल आउट मांगने वाले आरब पतियों की विलासिता मई कोई कमी नहीं. कब तक चलता रहेगा?

सोमवार, नवंबर 14, 2011

kamran aklam ki salaah.

पाकिस्तान के क्रिकेटर कामरान अकलम ने सलाह दी है की क्रिकेट खिलाडियों के बैंक खातोंकी जाँच हर छछ माह में होनी चाहिए.ता की स्पोट फिक्सिंग और मेच फिक्सिंग की जाँच हो सके. मई कामरान अकलम को धन्यवाद देता हूँ.उनकी सलाह ने एक नया रास्ता बता दिया है. इस सलाह को आगे विस्तृत करते हुए मैं भारत और पाकिस्तान की सरकारों से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूँ की केवल खिलाडी ही नहीं बल्कि प्रत्येक सांसद,विधायक और प्रथम श्रेणी अधिकारी से यह नेक कम करवाया जाय/ इतना ही नहीं इन महाशयों से हर वर्ष आय सम्बन्धी शपथ पात्र भी भरवाया जाय जिस के द्वारा यह मालूम हो सके की इन महाशय की आय का ग्राफ कब कब ऊँचा गया.अन्ना जी के बिल से जब प्रभाव पड़ना हो पड़ेगा ,किन्तु बैंक खातो की जानकारी और शपथ पत्र से फरक जरूर पड़ेगा./

सोमवार, नवंबर 07, 2011

ubharte grameen vidhylay.

छोटे छोटे गांवों मैं कई माध्यमिक और उच्य्तर माध्यमिक विद्यालय हैं. इन सुविधाविहीन शालाओं मैं अधोसंरचना की कमी है. खेल का मैदान नहीं है,पीने के पानी नहीं है, बरसात मैं छत मैं से पानी गिरता है. आदि आदि. ऐसा एक गाँव रतलाम के निकट है. छोटासा गाँव सेजावता. यहाँ के बच्चे और शिक्षक बहुत परिश्रमी. जहाँ रतलाम जिला मुख्यालय के हाई स्कूल का परीक्षा परिमाण पचास /साठ तक मुश्किल तक पहुँच पता है वहां इस गाँव के स्कूल का परीक्षा परिमाण ९८/१०० प्रतिशत तक रहता है. अभी मध्य प्रदेश मैं राषट्रीय जनसँख्या मिशन द्वारा भोपाल मैं एक  राज्य स्तरीय रोल प्ले स्पर्धा आयोजित की गयी .सेजावता की छातराओंने इसमें भाग लिया.लघु नाटिका का विषय था ''जीत एड्स से ''इस नाटिका के लेखक हैं  रतलाम के युवा साहित्यकार आशीष दशोत्तर  और नाटिका का निर्देशन किया यहाँ की विज्ञानं शिक्षिका विनीता ओझा ने. उल्लेखनीय यह है की मध्य प्रदेश के ३८ मैं से छतीस UTKRASHAT  विद्यालय इस स्पर्धा मैं भाग लेने आये थे .इन ऊँचे दर्जे के विद्यालयों से टक्कर लेने के लिए एक अदना सा विद्यालय और वह भी स्पर्धा मैं प्रथम स्थान .पर आया. अब ये छात्राएं अखिल भारतीय स्तर पर भाग लेने हेतु १७ नवम्बर को कोयम्बतूर को प्रस्थान करेंगी. ऐसे विद्यालय,नाटिका के लेखक .नाटिका की निर्देशिका बधाई के पात्र हैं .ऐसे लोगों का सम्मान प्रदेश स्तर पर होना चाहिए.विनीता ओझा विज्ञानं और हिंदी की शिक्षिका भी है. और इन विषयों का परीक्षा परिमाण भी लगभग १०० प्रतिशत होता है. संभाग आयुक्त  (रेवेन्हु) ने ऐसे विद्यालयों को अपने संभाग मैं विशेष स्थान देकर उनकी अधोसंरचना के लिए शासन से अलग से आबंटन मंजूर करवाना चाहिए. ऐसे विद्यालयों को अलग से ग्राडिंग देकर और चिन्हित कर उनकी एक विशेष दर्जे की सूचि मैं नाम हों. ता की जब शासन की आबंटन की योजनायें आये तो उन्हें जिलाधिकारियों के विवेक पर निर्भर न रहते हुए अपने आप इसका लाभ मिल जाये. साथ ही जिस प्रकार पुलिस मैं गंभीर अपराधियों को पकड़ने पर पदोन्नति देने का प्रावधान है इसी प्रकार ऐसे प्रतिभावान शिकशों को पद्दों नाती नहीं तो कम से कम एक वेतन वृद्धि का तो प्रावधान हो.

bharat ki sahbhagita nahee

मंगलग्रह पर जाने की तैय्यारी के क्रम मैं पांचसौ बीस दिन तक एक स्टील टुब मैं ४/ ७ लोगों को रकः गया. हालाँकि यह मिशन बहुत महंगा था. इसकी आलोचना भी हुई. किन्तु उल्लेखनीय यह है की इस मिशन मैं भारत के वैज्ञानिकों की कोई सहभागिता नहीं ली गयी. भू मंडली करण के दौर मैं वैज्ञानिक प्रयोगों मैं विकास शील देशों के युवकों की सहभागिता भी ली जानी चाहिए. विदेशी कम्पनियां हमारे देश मैं शून्य यांत्रिकी (जीरो टेक्नोलोजी)के उद्योगों मैं बढचढ कर भाग लेती हैं. जैसे बिसलेरी के पानी ,केन्चकी चिकन, साबुन तेल ,शेम्पो आदि. किन्तु अन्तरिक्ष ,और वैमानिकी के क्षेत्र मैं  हमारे लोगों को प्रशिक्षित भी नहीं करती और न हमें वह ज्ञान ही प्रदान करती है. हमें हमारा रास्ता खुद ही खोजना होगा.