बुधवार, सितंबर 24, 2014

बी सफाई मैं जनभागीदारी 


स्वच्छता ही दिव्यता है. /प्रधानमन्त्री ने १५ अगस्त को लाल किले की प्राचीर से उदबोधन मैं कहा है की २ अक्तूबर बापू की जयंती से राष्ट्रीय स्तर पर सफाई अभियान चलाया जायेगा,पूर्व प्रधानमंत्रीयों द्वारा गरीबी हटाओ /कड़ी मेहनत /आराम हराम है/हरित क्रांति /भ्रस्टाचार मिटाओ ऐसे कई नारे दिए गयेक़िन्तु इनमे से केवल हरित क्रांति का नारा  सफल हुआ। आ म आदमी को तो मेहनतअ   करनी ही है./वह एक सीमा से अधिक बेईमान हो ही नहीं सकता /हरित क्रांति भी किसानो की वजह से सफल हुई है. /सफाई अभियान भी आम आदमी की भागीदारी से ही संभव होगा,कोलकाता,मुंबई/अहमदाबाद /नागपुर/पुणे/जयपुर बंगलौर और अन्य बड़े शहरों मैं बहु आवासीय भवनो मैं सफाई देखते बनती है. /इसका कारन एक तो रहवासी स्वयं अपशिष्ट वस्तुएं कहीँ फ़ेकतें नहीं,दूसरे वे सफाई के लिए पैसे प्रतिमाह देते हैं. आम आदमी को जब तक इन वास्तविकताओं से अवगत नहीं कराया जाता तब तक यह अभियान सफल नहीं होगा 

बुधवार, सितंबर 17, 2014

जीवन में द्वन्द 

जीवन में द्वंद  अधिक सुविधाओं की वजह से है. यदि आपके पास एक से अधिक कार। पेन कपडे ,दोपहहिया वाहन हैं तो आप दुविधा मैं हैं. सुविधा मैं सदैव दुविधा होती है. यदि आपके रिशतेदार भी अधिक हैं ,मित्र अधिक हैं ,तो भी आप दुविधा मैं हैं. आप का एक से अधिक डाक्टरों से परिचय है ,और एक बीमारी के एक से अधिक डाक्टरों से परिचय है तो दुविधा है.यही बात बीमा एजेंटों। पूंजी निवेश के सलाहकारों। मिस्त्रियों ,नल सुधारकों ,दुकानदारों और अन्यं सेवाओं से सम्बधित परिचितों पर लागु होती है जीवऐ,न अपने आप मैं एक द्वन्द