शुक्रवार, अक्तूबर 24, 2008

महाबलियों के गाँव से आये ,बजाने चैन की बंसी

बिहार के चुनाव क्षेत्र सीवान और छपरा महाबलियों, बाहुबलियों के चुनाव क्षेत्र हैं/बिहार और खासकर बाहुबलियों के क्षेत्र के हलचल हम मालवा मैं बैठकर पता नही कर सकते/ इन क्षेत्रों से लकड़ी की बंशी बनने वाले और उसे बजाकर बतानेवाले लोग म.प्र। के निमाड़ क्षेत्र मैं आए /ये कलाकार इतनी खूबसूरती से बंधी बजतें हैं की किसी भी फिल्मी गाने,भजन आदि को आराम से,सहज रूप से गा देते हैं / जिजीविषा का संघर्ष देखिये की कहाँ बिहार का सीवान और छपरा और कहाँ म.प्र.का निमाड़/ उल्लेखनीय यह है की इन यायावरी जीवन काटकर अपनी रोजी कमानेवाले दोनों कौमों के हिंदू और मुस्लमान हैं इनमें कभी भी झगडे नही होते / बाहुबली लोगों की जीवनशली और अपर संपत्ति छाहे चैन की बंसी न बजेनेदे ,मगर ये गरीब कलाकार अपने फुनसे और कौशल से अपना पेट तो भरतें हैं ,हमारा मनोरंजन भी करतें हैं /बाहुबली बंशी तोड़ सकतें हैं बजा नही सकते/और ये गरीब ख़ुद चैन से रहतें हैं और हमें चैन से रहने का संदेश देतें हैं/

1 टिप्पणी:

रवि रतलामी ने कहा…

वाह, क्या बात कही है. इन बंसी वालों का पता ठिकाना पूछने का कभी खयाल मुझे भी नहीं आया था...