रेलवे स्टेशनों पर सफाई के लिए वैक्कुम क्लीनरों का उपयोग किया जाता है.इस मशीन से सफाई करते रहने एवं कचरा खींचने मैं उर्जा और श्रम कम लगते हैं. मगर इसे चलते रहने के लिए विदुयतसंयोजन के तार एक बड़ी और भारी केबल मैं होते हैं,/इस केबल को एक सिरे से दुसरे सिरे तक खींचते रहने मैं बहुत ज्यादा परिश्रम एवं उर्जा लगती है. /अतः हो यह रहा है की सफाई कर्मचारी को इस मशीन को चलते रहने के लिए भारी,लम्बी केबल को उठाने ,खींचने ,पलटने मैं अधिक श्रम और उर्जा लगती है. जो उर्जा का एक नुकसान है. इसकी बजाय जिस तरह बल्ब, tube लाइट ,डिस्प्ले बोर्ड के लिए ऊपर स्थायी कनेक्शन होते हैं, उसी प्रकार इस मशीन के लिए भी एक स्थाई कनेक्शन दे दिया जाय और इसके साथ एक ऐकड़ी नुमा खड़ा तार जोड़ दिया जाय /ठीक उसी तरह जैसे रेल इन्जीन के साथ साथ एक ऐकड़ी चलती है और वह ऐकड़ी बिजली के संयोजन को बनाए रखती है और इन्जीन गाड़ी को खेंचता रहता है. इस युक्ति से सफाई कर्मचारी की वह उर्जा जो लम्बी,भारी केबल को खीन्चेने मैं व्यर्थ जा रही है उसका उपयोग कचरा उठाने मैं ,कचरे को खींचने मैं हो सकेगा. और श्रमिक की काम करने की दक्षता बढ़ेगी. इस विभाग के पास बिजली और यांत्रिकी के अभियंताओं की कमी नहीं हैं. जब रतलाम मंडल मैं एक हीरे की आकृति का क्रास्सिंग बन सकता है,जो कल्पना से परे है तो ऐसा बिजली संयोजन भी हो सकता है.
रविवार, नवंबर 27, 2011
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