बेल्जियम के घेंट विश्व विद्यालय के शोध वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन मैं पाया की कम्पुटर पर बड़ी देर तक खेल खेलने वाले किशोरों की दिमागी रचना अलग किस्म की होती है. इनका दिमाग तार्किक होता है. अध्यन से यह पता चलना शेष है कि ये गेम खेलने से दिमाग तार्किक होता है या पहिले से तार्किक गेम वाले यह खेल खेलना पसंद करतें हैं/ इम्पेरिअल कालेज लन्दन के डाक्टर बौडेन जोंस का कहना है कि यह अध्यन स्नायु और नसों सम्भंधी बिमारियों के निदान मैं कारगर होगा. डाक्टरों ने प्रौढ़ों को सलाह दी है कि वे कम्पुटर पर बैठे ता कि उनके दिमाग कुंद,चिडचिडे और भुल्भुले न हों.हो सकता है ऐसे शोध हमारी पीढी को मददगार साबित हो.
बुधवार, नवंबर 16, 2011
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