कंप्यूटर के क्षेत्र मैं हिंदी मैं लिखने की बड़ी दिक्कत थी.कई लोगों ने परिश्रम किया ,ता की आम आदमी हिंदी मैं कुछ लिख सके कुछ पढ़ सके.एक लम्बी सूचि है ऐसे हिंदी साधकों की. इस सूचि मैं एक नाम रवि रतलामी है है जो हिंदी का सच्चा साधक है.यह व्यक्ति अक सेवानिव्र्रत अभियंता है. स्वास्थके हिसाब से सामान्य/ मगर जीवटऔर कर्तृत्व का धनी.गजब का धुनी.मेरे जैसे आलसी आदमी को संगणक सीख लेने ,ब्लॉग को हिंदी मैं लिखने की प्रेरणा देने वाला अकिंचन हिंदी साधक. हर शहर मैं ऐसे २/४ आदमी हो जाएँ तो हिंदी जगत का विकास होगा. रविजी पेशे से इंजिनियर ,शिक्षा दीक्षा अंग्रेजी मैं हुई किन्तु हिंदी के सच्चे सेवक.इन्हें न किसी पुरस्कार की दरकारहै और न किसी पद की चाह है. इस ब्लॉग पर हिंदी मैं लिखते समय मैं रोमांचित हो जाता हूँ.औए इसका श्रेय मैं रविजी को देता हूँ.
गुरुवार, सितंबर 15, 2011
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1 टिप्पणी:
आपका बहुत बहुत धन्यवाद. :)
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