रविवार, नवंबर 16, 2008

naya shabd ""hindu aatankvad""

शास्त्रों मैं आतकवादी समूहों के नामकरण ;""असुर"",""दानव "",""राक्षस"" किए गए हैं.इन पुरातन आतंकवादियों को उनके धरम के आधार पर नामांकित नही किया जाता था.आजकल इस्लामिक आतंकवादी,सिक्ख आतकवादी ,तो तो नामकरण होही गए है.अब नया शब्द ""हिंदू आतंकवादी"" मनो आतंकवादी बन्ने और नम पड़ने की होड़ चल रही हो. क्यों इन्हे इनके धर्म के आधार पर नामांकित किया जाय ?हिंदू,मुस्लमान,सिक्खों की आबादी मैं से इन आतंकवादियों का %कितना है?२%भी नही.फिर इन मुट्ठी भर आतकवादियों के पीछे पुरी कॉम का नामकरण आतंकवादियों के नम से क्यों किया जाय?और ये आतंकवादी युवा किसी बड़े राजनेता,अम्मर या उद्योगपति के पुत्र नही हैं/बल्कि इनकी कोमल भावनाओं को परिवर्तित कर मोड़ दिया गया है.इन युवाओं मैं से अधिकतर बेरोजगार,गरीब,अभावों से ग्रस्त हैं.जरूरत इस बात की है की इन्हे जीवन जीने की सुविधाओं से रूबरू कराया जाय .शिक्षा दी जाय. इन्हे उन्नत और प्रगतिशील जीवन का परिचय कराया जाय/ कॉम के शब्दों से इनका लेबलिंग कदापि न किया जाय

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

'हिंदू आतंकवाद' शब्द के प्रयोग पर मुझे प्रारम्भ से ही आपत्ति रही है. ऐसी ही आपत्ति मुझे 'मुस्लिम आतंकवाद' और 'सिख आतंकवाद' शब्दों के प्रयोग पर भी रही. कुछ लोग ग़लत राह पर निकल जाते हैं, उनके अपराधों के लिए पूरी कौम को ग़लत कहना उचित नहीं है. समाज इन्हें सुधारने या सजा देने के स्थान पर ख़ुद धर्म के नाम पर बंट रहा है. यही तो यह लोग चाहते हैं. कुछ ग़लत लोग सारे समाज को कंट्रोल कर रहे हैं.

रवि रतलामी ने कहा…

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