रविवार, नवंबर 16, 2008

MEEDIA KA MASKHARAPAN

मीडिया का मसखरापन
मीडिया का उद्देश जनता से संवाद स्थाप्पित कर उसकी भावनाओं को प्रदशित करना है .लेकिन मीडिया की गत दिनों बानगी देखी .एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ .मीडिया कर्मी पहुंचे.महिला गंभीर ,दुखी संवेदनाओं से ग्रस्त,शर्म से मर रही ,मीडिया मर्द पूछता है ""आपको सामूहिक बलात्कार के बाद कैसा लगा""महिला शर्म सार.क्या कहे मीडिया कर्मी के सवालों पर गुस्सा करे या उसे नोच डाले?अभी अभी मीडिया ने बाल कलाकार दर्शील सफारी का आत्मविशवास डिगा .दिया.उससे सवाल किया गया की ""प्रियंका चौपडा बिकनी मैं कैसी लगती है""? आप अपने पिताजी से आधिक कमातें हैं तो आपको कैसा लगता है ''? अब यह बल्कलाकर दर्शील जो पाहिले आत्मविशवास से भरा था ,मुखर था अब उतना मुखर नही रहा. मीडिया से दूर रहने लगा? यह मीडिया का मसखरापन है या रचना धर्मिता है?
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1 टिप्पणी:

Hamara Ratlam ने कहा…

दूरदर्शन का डीटीएच मैंने यह सोचकर लिया था कि शायद यह साफ सूथरा रहे। लेकिन मुझे यह लिखते हुए दुख: है कि परिवार के साथ बैठ कर टीवी देखते समय (निजी चेनलों पर विशेष कर के) रिमोट मुझे अपने हाथ में रख कर पूरा नियंत्रण रखना पडता है कोइ भरोसा नहीं रह गया की कब कौनसा सीन आ जावेगा। और हम सभी आपस में शर्मसार महसूस करेंगे।