मंगलवार, मई 20, 2008
शास्त्र वार्ता कलम में विज्ञान सम्मत मुद्दौं को ,नियमों को परिकल्पनाओं को अव्धार्नाओं को देशज भाषा में लिखने की प्रेरणा रवि रतलामी के हिन्दी ब्लाग से मिली.भौतिकी में लेंत्ज़ का नियम है की प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है की वह उस कारन का विरोध कराती है जिसके कारन वह पैदा होती है/राजनीती में पुराना नेता किसी नोजवान को आगे लाकर जब सफल नेता बनाकर उसे बड़े पद पर ले आता है तोवह उसी का विरोध करता हँ/माँऔर बाप बेटों को पैदा कर,बड़ा करते हैं ,खूब पढ़ते और लिखातेंहैं ,वो बेटे उन्हीं माँ और बाप का जनरेशन गेप कहकर उनका विरोध करते हैं /लेंत्ज़ का नियम कितना सही है/
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4 टिप्पणियां:
आपका कहना सही है. भविष्य में मुझसे विरोध पाने के लिए तैयार रहिए :)
हिन्दी ब्लॉग जगत् में आपका स्वागत है.
सुरेश जी
आपकी रचनाओं में आपका गम्भीर अनुभव झाँकता है। अगली रचना का इन्तज़ार रहेगा।
बडा अच्छा निरीक्षण और परीक्षण हो आपका ।
स्वागतम!
आपका इरादा देखकर लगता है कि यह ब्लाग बहुत ही रोचक रहेगा। आपके अनुभव का लाभ हिन्दी जगत को मिले, इसी कामना के साथ..
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