बुधवार, मई 28, 2008

हमारा विकास या विनाश

हम प्रगति करते जा रहें हैं/मोबैल क्रांति,इंटरनेट से कोर बेन्किंग, ईमेल बेन्किंग आदि रोज्मर्रह की बातें हो गई हैं/ परन्तु क्या हम विनाश की और नाहीं जा रहें हैं/परमाणु शक्ति सम्प्पन देश यदि ५ या ६ विस्फोट करदें तो पता है कितनी उर्जा पैदा होगी /१००दिग्री पर पानी उबलता है/२५०० दिग्रीसे पाहिले सब धातुएं पिघलती हैं/ विस्फोट से २/ ३ करोड़ डिग्री ऐ की गरमी पैदा होगी/ प्राणी जगत .वनस्पती जगत ,पहाडों की क्या स्थिथी होगी ? नेपाल ,इराक इरान दो ,अफगानिस्तान ,पाकिस्तान भारत ,इस्रैएल लगभग सभी देश किसी न किसी समस्या से दो दो दो हाथ कर रहें हैं/ क्या हम विकास की और हैं या विनाश की और हैं?

1 टिप्पणी:

अनुनाद सिंह ने कहा…

आपका प्रश्न बहुत गम्भीर है, विचारणीय है।
बम आदि की तो बात बहुत बड़ी है, छोटे-मोटे प्रदूषण भी हमे धीरे-धीरे विनाश की ओर ले जा रहा है।


आपके वैज्ञानिक एवं तकनीकी ज्ञन को देखते हुए आपसे आग्रह है कि हिन्दी विकिपेडिया पर कुछ वैग़्यानिक विषय चुनकर कुछ लेख लिखें। हिन्दीजगत का बहुत भला होगा।