अपने अपने जुमले हैं,अपने अपने तर्क,हंसिया हो हथोडा हो,या हो हाथी या हाथ. लालटेन हो या कमल हो हर को हर का साथ/ ये सब साथी हैं,हम जोली हैं, नहीं है कोई फर्क./ लोकपाल के माथे पर है ,आरक्षण की टोपी. आँख पर टुटा चश्मा .पहिनने को है लाल और केसरिया कमीज, एक हाथ मैं मंदिर की घंटी है दूजे मैं है लम्बी छड़ी ,////अंग्रेजों का सूट नहीं है पहिना, मगर गले मैं हाथी ब्रांड टाई है शानदार, /एक टांग पर केसरिया धोती दूजी पर पायजामा चूडीदार,एक पैर मैं चप्पल है ,दूजे मैं जूता एडीदार //////अपने अपने जुमले हैं अनपे अपने तर्क हंसिया हो या हथोडा हो ,लालटेन हो या कमल हो हर को हर का साथ,ये सब साथी हैं,हमजोली है, किसी मैं नहीं है कोई फर्क अपने अपने जुमले हैं अपने अपने तर्क.////////अन्ना का लोकपाल है बड़ा अलबेला, कानून का वो जानने वाला, हाथ मैं मैं हंटर ,पैर मैं फौजी बुट,//फ़ौज उसकी बड़ी सशक्त है ,बंद कर देगा सारी लूट ///उसे संसद या कोर्ट किसी की जरूरत नहीं पडी है ,शुरू कर देगा वह अपनी बन्दर बाँट,उसे किसी की क्या पडी है?///जब वो पूरी ताकत से हाथ मैं हंटर लेकर, कानून को जबान पे रखकर ,परमाणु सूटकेस पर उंगली रखकर दिल्ली के तखत पर बैठेगा ,तो गद्दाफी, सद्दाम हिटलर को जमाना भूल जाएगा, और मेरे देश का अवाम आसमान ताकता रह जाएगा, ///////और तब तक अन्ना की आन्दोलन से हो जायगी छुट्टी ,किरण केजरीवाल और सिसोदिया जेल मैं पिसेंगे घट्टी,जेल मैं पिसेंगे घट्टी .///आज तक जनता को क्या फर्क पड़ा है, खड़ा है राज्जपाल,या लोकपाल नहीं किसी मैं फर्क अपने अपने.............
शनिवार, दिसंबर 24, 2011
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