उत्तरदायी गौओ हत्या के ,और पूजें हम देवों को ------------
आजकल मूर्तियाँ ,गाय की हड्डियों से निर्मित होने लगी हैं.यह वस्तिकता प्रकाश मैं लाई हैं प्रसिद्द पशुप्रेमी और पर्यावरणविद मेनकाजी गाँधी.आम,सत्ता सुख भोगनेवाले नेताओं से अलग हस्ती मेनकाजी का कहना है की आकर्षक मूर्तियाँ बने ,इसके लिए स्वस्थ गायों को कत्लखानों में भेजकर ,हड्डियाँ निकलकर ,शोधन के लिए भेजी जातीं हैं.और राम,दुर्गा,कृषण की मूर्तियाँ बनाकर बेचीं जाती हैं.बिकरी मैं इजाफा तब होता है,जब नवरात्री,रामनवमी आदि उत्सव आते हैं.उत्पादकों का कहना है की ये हड्डियाँ गाय की नही बल्कि ऊंट की हैं/क्या तर्क है?अव्वल तो हड्डियों से मूर्तियाँ बने ही क्यों?मेनकाजी का कहना है की देश मैं ऊँटों की इतनी आबादी ही नही है की इतनी मात्र मैं मूर्तियाँ बन सके.मई शंकराचार्यों.,प्रवचनकारों से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूँ की भोलीभाली जनता को इस प्रकार की मूर्तियों की पूजा करने से रोकने की सीख देन/
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