शुक्रवार, जून 27, 2008

संघनन की दुकानें होंगी हर शहर मैं

संघनन का मतलब है फैले हुए पदार्थ का इक्कठा होना / लोहे की चादर को पीट पीट कर टुकडा बनाया जा सकता है/ उबलते पानी की भाप को कूकर मैं संघनीत किया जा सकता है/ अब कारों ,जीपों ,को भी आदुनिक तरकीबों से संघनीत किया जाएगा / आप किसी बड़े शहर मैं गए कार पसंद की उसे संघनीत करवा ली और रेलगाडी मैं सूटकेस केआकाररखा दी/ वापस अपने शहर मैं आए/ ८/१० कुलियों की मदद से कर को उत्र्वा ली /और अपने शहर की दोकान से वापस उसे विस्तृत करवा लिया

1 टिप्पणी:

रवि रतलामी ने कहा…

कौन जाने किसी दिन ये भी हो जाए. आपको तो विज्ञान गल्प लिखना चाहिए.