बचपन मैं नूराकुश्ती के बारे मैं कई किस्सों मैं इस कुश्ती का वर्णन आता था.आखिर नुराकुश्ती होती क्या है,बड़े दिनों तक समझ नहीं आया.इसका एक कारन तो यह है की मैं स्वयं बचपन मैं अखाड़े मैं जाया करता था. मैं क्या मेरी उम्र के जो वरिष्ट नागरिक हैं लगभग सभी गाँवों मैं रहने वाले अखाड़े मैं जाते रहे होंगे.अखाड़े मैं होने वाली कुश्तियों मैं या तो जीत होती थी या हारहोती थी.उस्ताद दावं सिखाते ,जिसको दावं आता और मेहनत करता उसे उस्ताद विशेष प्रशिक्षण देते.इसके लिए उन्हें कोई अलग से कोचिंग फी अदा करना नहीं पड़ती थे.उम्र के पचीस साल तक नुरा कुश्ती का नाम तक अखाड़े मैं सुनने मैं नहीं आता था.यहाँ तक की राजनीती मैं भी राजनीतिज्ञों के बीच नुरा कुश्ती का नामनिशान सुनने मैं नहीं था. मगर पिछालेदिनों नहीं पिछले २० वर्षों से इस प्रकार की कुश्ती बहुत सामान्य हो गई है. भाजपा और कटियार जी का मतभेद हुआ तो कांग्रेस वाले कहतें हैं की ये नुरा कुश्ती है. अमर्सिंघ्जी और मुलायाम्सिंघ्जी के बीच तकरार हुई तो लोग कहेंगे नुरा कुश्ती है .शरद जी कांग्रेस से अलग हुए तो नुरा कुश्ती है /इसका मतलब यह हुआ की राजनीती मैं नुरा कुश्ती आम हो गयी है.अभी अभी प्रणव दाऔर चिदंबरम की कुश्ती को मीडिया ने खूब उछाला.मन मोहन सिंह जी ने भी जल्दबाजी नहीं की ,बोले रुको दिल्ली लौटने के बाद बात करता हूँ.मीडिया को लगा अब पहलवान लड़े.सिंह साहेब बोले रुको/सिक्किम जा कर आता हूँ.मीडिया को लगा की अब तो लड़े ही लड़े. उधर मैदान .दर्शक, मीडिया की गाड़ियाँ माइक ,फोटोवाले,केम्रामन एकदम तैयार .इधर लोगों को लगा की सर्कार अब गयी तब गई . बड़े बड़े लोग मैदान मैं हाजिर. साक्षात्कार मैं चिदंबरम जी बोले प्रणव दा मेरे से वरिष्ट हैं मैं उनका सम्मान करता हूँ. . और उन्होंने जो कहा की इस पत्र मैं लिखे गए विचार मेरे नहीं हैं इसका मैं सम्मान करता हूँ.किस्सा यहीं समाप्त समझिये. एक मनचले ने चुटकी ली आपने तो इशिपा देने की बात कही थी ,बोले वो मुझे याद नहीं .अब मुझे समझ आया की याददाशत का कमजोर पड़ जाना,कम सुने देना,और नुरा कुश्ती मैं विशेषज्ञता किअतनी कम की चीजें हैं?
शुक्रवार, सितंबर 30, 2011
मंगलवार, सितंबर 27, 2011
१०० सेकण्ड और १०० दिन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरून ने भारत के खिलाड़ियों को उनके यहाँ होने वाले ओलम्पिक मैं भाग लेने हेतु र्हदय से आमंत्रित किया है.कमरून ने यह भी कहा है की भारतीय उद्योगपति भी आमंत्रित हैं.आपने अपने देश की तारीफ़ करते हुए कहा है की यहं उद्योग और निवेश की अपार सम्भावनाये हैं. ब्रिटेन मैं १०० सेकण्ड मैं एक कम्पनी जनम लेती है. हमारे भारत मैं १०० से. तो ठीक १०० दिन मैं उद्योग या निवेश करने का विचार तक नहीं आ सकता. हम ब्रिटेन से अभी भी १०० साल पीछे हैं. बाबा रामदेव,अन्ना ,२जी घोटाला आदि से सर्कार को फुर्सत ही नहीं .एक के बाद एक विषिस्टव्यक्ति कारावास मैं जा रहे हैं.देश का एक तिहाई हिस्सा भयंकर वर्षा से ग्रस्त है.सिक्किम मैं भूकंप है. उमरअब्दुल्ला मेहमान नवाजी मैं मस्त हैं.राहुलजी सिक्किम का हवाई दौरा कर सिक्किम वासियों का दर्द समझने की कोशिश कर रहें हैं.जब की फ़ौज के लोग कह रहें हैं की अति विषिस्ट और सुरक्षा प्राप्त विषिस्ट व्यक्तियों को सिक्किम नहीं आना चाहिए. उधर मोदीजी का उपवास समाप्त हुआ है.केमरू न जी आप बेफिक्र रहें आपके यहाँ हमारे उद्योगपति निश्चित आयेंगे.
मंगलवार, सितंबर 20, 2011
उपवास
गुजरात मैं ३ दिनी उपवास का समारोह समाप्त हुआ. सांसद,नेता,सामाजिक कार्यकर्ता, धर्मगुरु,मंच पर हाजिर.उधर सिक्किम मैं जमीन से २० की.मी.नीचे भूगर्भीय हलचल से सड़क,पूल,नष्ट.कई मकानऔर जाने गयीं.भोजन ,दवाएँ ,आवास,पूर्ति मैं कठिनाई. गुजरात मैं मंच पर हाजिर विशिस्ट मैं से सिक्किम मैं जाने का साहस किसी मैं नहीं .वहां आईटीबीपी ,बीअस्फ़ के जवान प्राण हथेलियों पर रखकर तैयार.विशेष राहत शिविरों मैं पीड़ितों को संभवतया सहायता उपलब्ध की जा रही है. गुजरात के वर्त्तमान और भू,पू. मुख्य मंत्री के उपवास का विरोध और समरथन करने वालों मैं से कितने विशिष्ट जन सिक्किम पहुंचेंगे /
शुक्रवार, सितंबर 16, 2011
trust /nishta
सड़क किनारे बैठकर गाड़ियों की ताले की चाबी बनाने वाले कारीगर के चार बेटे. चरों बेटे अपनी पत्नियों के साथ पिता के साथ रहते हैं.बड़े दिन क्या सालों के बाद मैं इस आदमी से मिला.जिग्याशावशपूछा मकान वकान बनाया की नही? वह बोला सर.मेरे पिता कहते थे ''कर लिया सो काम'',भज लिया सो राम ''. मैंने २० वर्ष पूर्व एक प्लाट ले लिया था.उसी पर जरूरत पुरता माकन बना लिया है.चरों बेटों के अलग अलग कमरे हैं.मैं उसे ठगा सा देक्खता और सुनाता रहा. इस आदमी को अपने पिता पर .भगवान पर और अपनी संतानों पर कितना विश्वास ''. दूसरी और मेरे सफेदपोश नौकरशाह दोस्त.एक और दो पुत्रों को अच्छा पढ़ा लिखा दिया मकान बनाकर दिया.फिर भी सपूत ऐसे की अलग रहतें हैं यहाँ तक तो ठीक है.लड़ते अलग हैं.इन लोगों को न तो अपने पिता पर,न अपने पुत्रों पर विश्वास है और न इन्हें भगवान के बहन पर भरोसा है.क्या हमारा प्रगतिशील कहलाने वाला समाज इन मामूली से काम कर अपनी जीविका चलाने वाले लोगों से कुछ सीखेगा./
गुरुवार, सितंबर 15, 2011
hindi divas par vishesh
कंप्यूटर के क्षेत्र मैं हिंदी मैं लिखने की बड़ी दिक्कत थी.कई लोगों ने परिश्रम किया ,ता की आम आदमी हिंदी मैं कुछ लिख सके कुछ पढ़ सके.एक लम्बी सूचि है ऐसे हिंदी साधकों की. इस सूचि मैं एक नाम रवि रतलामी है है जो हिंदी का सच्चा साधक है.यह व्यक्ति अक सेवानिव्र्रत अभियंता है. स्वास्थके हिसाब से सामान्य/ मगर जीवटऔर कर्तृत्व का धनी.गजब का धुनी.मेरे जैसे आलसी आदमी को संगणक सीख लेने ,ब्लॉग को हिंदी मैं लिखने की प्रेरणा देने वाला अकिंचन हिंदी साधक. हर शहर मैं ऐसे २/४ आदमी हो जाएँ तो हिंदी जगत का विकास होगा. रविजी पेशे से इंजिनियर ,शिक्षा दीक्षा अंग्रेजी मैं हुई किन्तु हिंदी के सच्चे सेवक.इन्हें न किसी पुरस्कार की दरकारहै और न किसी पद की चाह है. इस ब्लॉग पर हिंदी मैं लिखते समय मैं रोमांचित हो जाता हूँ.औए इसका श्रेय मैं रविजी को देता हूँ.
रविवार, सितंबर 11, 2011
ganesh visarjan
. , गणेश विसर्जन के बाद नदियों मैंप्रदुषण बढ़ जाता है/मछलिया मर कर उप्पर आ जाती हैं/ ऐसा गतवर्ष पुष्करमैंहुआ था/ हमारे धर्माचार्य जो रत दिन जीव हिंसा कीनिंदा करतें हैं क्यों नहीं इस विसर्जन के बारे मैंअपनी राय व्यक्त करते हैं?हम लोग कट्टरपंथी नहींहैं/हमसुधार वादी हैं/जिन परम्पाराओं से हमारे जीवजगत को और जैव विविधता को नुकसान पहुंचता हो उन्हें सुधार लेने मैंक्या हर्ज़ है? गंनपतिबप्पा कीमूर्ति कितनी भी बड़ी बने ,मगर उस पर बजाय तेज रसायन के हर्बल या जैविक रंगों का प्रयोग करें तो क्या हर्ज़ है? धर्माचार्य अपने प्रवचनों मैं ऐसी महत्वपूर्ण औरपर्यावरण सुधारकी सीखदें तो कितना पुण्य कर्म होगा ?
evil sprits
.. . लगभग हर धर्म मैं आसुरी शक्तियों का उल्लेख आता है/ सनातन धर्म मैं आसुरी शक्तियां, इस्लाम मैंशैतान के बारे मैं जिक्र इसाई धर्ममैं एविल स्प्रिट ,बुद्ध धर्ममैं मार काउल्लेखहै/इसका तात्पर्य हरेक धर्म मैंआसुरीशक्तियां अनिवार्यता लिए हुए हैं.हरसमय मैंआसुरीशक्तियोंने आम आदमियों केजीवन को कष्ट दिया है.क्याकभी ऐसा होगा की आसुरीशक्तियोंसे हमें छुटकारा मिल जावे/
शुक्रवार, सितंबर 09, 2011
pakistan mai hinduon ki sthiti
. . / भारतमैं,मुस्लिम भाइयों मैं ऊँचे दर्जे केकलाकार, चित्रकार, खिलाडी ,अभिनेता ,उधोगपति , राजनयिक हैं तथा ,बिना भेदभाव केउन्हें अछे अवसर मिलते हैं/ पाकिस्तान मैं कोई हिन्दू इस काबिल नहीं की दो चार नाम लेने के लिए भी हों?पाकिस्तान केनेताओं को समझ लेना चाहिए की किसी टेलेंट की उपेक्षा देश केहितों केलिए ठीक नहीं
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