मेरा ब्लॉग लेखन आरम्भ। बड़े दिन क्या कई महीनो से मेरा ब्लॉग लेखन मात्र आलस के कारण बंद था, मैंने वैसे ही ''रवि रतलामी' सर के ब्लॉग ''छीटें और बौछारे '' में गौरक्षा पर छपी एक पोस्ट पर टिपण्णी की ,और साथ में निवेदन भी किया कीमेरा ब्लॉग मिल नहीं रहा मैं कैसे लिखूं ?तत्काल रविजी मेरे ब्लॉग का संगणक का पता पता नहीं कैसे ढूंढा?और मेरे इ पते पर भेज दिया , और यह टीप लिख पा रहा हूँ. रतलाम के संगणक ज्ञाताओं में रविजी का एक नाम है. हालांकि वे भोपाल में लगभग बस गए हैं ,है की अपने नाम के आगे वे 'रतलामी 'ही लिखतें हैं ,उनके ब्लॉग ''छीटें और बौछारे ''में बोध युक्त सामग्री होती है ,साथ ही व्यंग चित्र या कार्टून बनाकर वे सामग्री के साथ हास्य ,व्यंग और तर्क मिश्री घोल देते हैं,
शनिवार, अक्तूबर 22, 2016
रविवार, सितंबर 13, 2015
रतलाम (म.प्र )के झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में अत्यंत दुःख दायक और हिलादेनेवाली दुर्घटना हुई है. एक होटल मेंरखी गैस टंकी केफट जाने से इतनी भाषण दुर्घटना की आशका किसी को नहीं रही होगी.शायद ७०-८०के मरने की आशंका है. पास में एक मकान में लायसेंस शुदा जिलेटिन की छड़ें भी थीं। अब इस घटना के बाद भी हम कोई सबक लेते हैं या नहीं?कुछ बातें जो नियमानुसार होनी चाहिए वे हैं.(१)रहवासी इलाकों में पेट्रोल पंप,गैस की दुकानेन हों(२)स्प्रिट,जिलेटिन,एसिड चाहे लायसेंस की हों गोदाम के रूप में रहवासी इलाकों में न हो. (३)होटलों ,गैस एजेंसिओं ,बड़े दफ्तरों में अग्नि विरोधी /शमन यंत्र दिखावे के लिए न हो. (४)फायर ड्रिल हर संस्थान में अनिवार्य रूप से हो.
आजादी के इतने वर्षों बाद,साक्षरता के लिए इतना विपुल धन खर्च करने के बाद हम अभी तकछोटी छोटी बातें सीख नहीं पाए. बीएस दुर्घटना हो जाए ,मुखमंत्री,की और से मृतकों,घायलों को मुआवजा दे दिया जाय ,मामला खत्म.कभी टाकीज ,हादसा,कभी भगदड़ के कारण हादसा ,कभी पंडाल गिरने से हादसा ,हादसा रुकने के नाम नही.upaay नही. आजकल तो रहवासी इलाकों में जहाँ खुली जगह हो वहां गैस कंपनी वाले टंकिया जमाकर वहीं से टंकी बाटने का काम कर लेते हैं. आखिर उस इलाके के पार्षद,पञ्च भी ठडे बहुत जवाबदार हैं या नही.
आजादी के इतने वर्षों बाद,साक्षरता के लिए इतना विपुल धन खर्च करने के बाद हम अभी तकछोटी छोटी बातें सीख नहीं पाए. बीएस दुर्घटना हो जाए ,मुखमंत्री,की और से मृतकों,घायलों को मुआवजा दे दिया जाय ,मामला खत्म.कभी टाकीज ,हादसा,कभी भगदड़ के कारण हादसा ,कभी पंडाल गिरने से हादसा ,हादसा रुकने के नाम नही.upaay नही. आजकल तो रहवासी इलाकों में जहाँ खुली जगह हो वहां गैस कंपनी वाले टंकिया जमाकर वहीं से टंकी बाटने का काम कर लेते हैं. आखिर उस इलाके के पार्षद,पञ्च भी ठडे बहुत जवाबदार हैं या नही.
बुधवार, सितंबर 24, 2014
बी सफाई मैं जनभागीदारी
स्वच्छता ही दिव्यता है. /प्रधानमन्त्री ने १५ अगस्त को लाल किले की प्राचीर से उदबोधन मैं कहा है की २ अक्तूबर बापू की जयंती से राष्ट्रीय स्तर पर सफाई अभियान चलाया जायेगा,पूर्व प्रधानमंत्रीयों द्वारा गरीबी हटाओ /कड़ी मेहनत /आराम हराम है/हरित क्रांति /भ्रस्टाचार मिटाओ ऐसे कई नारे दिए गयेक़िन्तु इनमे से केवल हरित क्रांति का नारा सफल हुआ। आ म आदमी को तो मेहनतअ करनी ही है./वह एक सीमा से अधिक बेईमान हो ही नहीं सकता /हरित क्रांति भी किसानो की वजह से सफल हुई है. /सफाई अभियान भी आम आदमी की भागीदारी से ही संभव होगा,कोलकाता,मुंबई/अहमदाबाद /नागपुर/पुणे/जयपुर बंगलौर और अन्य बड़े शहरों मैं बहु आवासीय भवनो मैं सफाई देखते बनती है. /इसका कारन एक तो रहवासी स्वयं अपशिष्ट वस्तुएं कहीँ फ़ेकतें नहीं,दूसरे वे सफाई के लिए पैसे प्रतिमाह देते हैं. आम आदमी को जब तक इन वास्तविकताओं से अवगत नहीं कराया जाता तब तक यह अभियान सफल नहीं होगा
बुधवार, सितंबर 17, 2014
जीवन में द्वन्द
जीवन में द्वंद अधिक सुविधाओं की वजह से है. यदि आपके पास एक से अधिक कार। पेन कपडे ,दोपहहिया वाहन हैं तो आप दुविधा मैं हैं. सुविधा मैं सदैव दुविधा होती है. यदि आपके रिशतेदार भी अधिक हैं ,मित्र अधिक हैं ,तो भी आप दुविधा मैं हैं. आप का एक से अधिक डाक्टरों से परिचय है ,और एक बीमारी के एक से अधिक डाक्टरों से परिचय है तो दुविधा है.यही बात बीमा एजेंटों। पूंजी निवेश के सलाहकारों। मिस्त्रियों ,नल सुधारकों ,दुकानदारों और अन्यं सेवाओं से सम्बधित परिचितों पर लागु होती है जीवऐ,न अपने आप मैं एक द्वन्द
गुरुवार, मार्च 08, 2012
unprdictable results in UP. AND PUNJAB.
उत्तर प्रदेश और पंजाब के नतीजों ने सबको चौंका दिया. तमाम अनुमानित सर्वेक्षणों को मतदाता ने रद्दी की टोकरी मैं फेंक दिया. इ.वी.ऍम. खुलने तक संचार माध्यमों ने सबके दिमाग मैं एक बात बिठा दी थी की खिचड़ी सरकार ही उत्तरप्रदेश मैं बनेगी. पंजाब ( मैं आम्रिन्दर्सिंह ही आयेंगे. चुनाव परिणामों ने एक बात साफ कर दी की मतदाता के मन की थाह पाना कठिन है. मतदाता न तो गाँधी नेहरु परिवार को देखता है ,न वह राम मंदिर के लिए वोट डालता है.(हालांकि वह राम मंदिर चाहता है.)लोग कहते हैं की समाज मैं आस्सी प्रतिशत दलित/आदिवासी/पिछड़े हैं फिर मायावतीजी कैसे हार गयीं? असल मैं मतदाता उसे वोट देता है जो जीतने की कूवत रखता हो.राषट्रीय स्तरके दल कांग्रेस और भा.जा.पा. की जो दुर्गति उत्तरप्रदेश मैं हुई है ,इससे इन दलों को सीख लेनी चाहिए.चुनाव आयोग को अपने से हल्का सम्झेने वाले केन्द्रीय मन्न्त्रियों को तत्काल कारण बताओ सुचना पर जरी होने चाहिए. एक महोदय कहतें है '' रात को बारह बजे वे प्रधानमंत्री बन सकतें हैं'' आदि आदि/कहता है वे रिमोट कंट्रोल से उ.प्र.की सरकार चलाएंगे.भाजपा मैं और कांग्रेस मैं नेताओं की बाढ़ सी आ गयी. बटाला हाउस ,राम मंदिर ,आरक्षण,लेपटोप ,बेरोजगारी भत्ता ,ऐसे ऐसे मुद्दे उठाये गए जो तर्कहीन थे.आम मतदाता के इस निर्णय को किसी भी दल के पक्ष या विपक्ष मैं नहीं देखा जाना चाहिए. यदि सरकार विरोधी रुझान कहें तो पंजाब मैं क्या हुआ. जो पंजाब मैं हुआ वह गोवा मैं क्यों नहीं हुआ?अभी कई दिन तक दोनों राषट्रीय स्तर के दलों के है कमान को विचारमंथन करना होगा .अन्यथा क्षेत्रीय दल और जातिगत आधार पर खड़े दल इन राषट्रीय स्तर के दलों का सफाया कर देंगे.
रविवार, मार्च 04, 2012
election in five states.
पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हुए.विशेष बात यह रही की मतदान का प्रतिशत बढा. चुनाव परिमाणों के बारे मैं विभिन्न चेंनेल अपने अपने कयास बता रहें हैं.एक बात साफ तौर पर उभरकर आ रही है की किसी भी दल को स्पष्ट बहुत मिलना कठिन होगा. मैं सामान्य मतदाता से कुछ प्रश्न बाँटना चाहता हूँ. जो निम्न हैं.यदि आपके पसंद के दल या गठबंधन की सर्कार बन जाती है तो क्या आप (एक)रिश्वत देने या लेने को अच्छा समझेंगे/(दो)हत्यारे ,आतंकवादी, भ्रष्ट ,बलात्कारी ,व्यक्ति को सहायता,सहयोग,जमानत देंगे?(तीन)सरकारी जमीन ,सड़क, पहाड़ी का अतिक्रमण करेंगे?(चार)वाजिब से ज्यादा कमीशन लेना,अपने करीबी रिशतेदार ,मित्र जो गरीब और कम समझदार हैं उनका धन हडपने और उन्हें किसी तरह लोभ दिखाकर ऊँची ब्याज दरों पर धन उधार देंगे.? यदि इन प्रशनो के उत्तर हाँ मैं हैं तो किसी दल की सर्कार बने कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
शनिवार, दिसंबर 24, 2011
dellhi ki pahali varshganth
दिल्ली की पहली वर्षगांठ १९११ और स्वाभिमानी राजासयाजीराव गायकवाड ///////// सन २०११ दिल्ली की १०० वीं वर्षगांठ है. दिल्ली १९११मैं देश की राजधानी बनी. इसी वर्ष ब्रिटेन के राजा जोर्ज पंचम को भारत का महाराजा सम्राट घोषित किया गया. प्रथम बार कोई ब्रिटेन का राजा यहाँ समारोह के लिए व्यक्तिशः उपस्थित हुआ. जोर्ज पंचम के स्वागत के लिए भारत के लगभग छसोराजा नवाब वंदना करने हेतु एकत्रित हुए. राजाओं को सम्राट के सामने उपस्थित होकर अपना परिचय किस प्रकार दिया जाय,इसकी हिदायतें दी गयी. सर्वप्रथम परिचय, फिर तीन बार झुकना ,फिर बिना मुड़े पीछे चलकर अपना आसन ग्रहण करना. प्रत्येक राजा ने आचार संहिता का पालन किया. मगर बरोड़ा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड तृतीय इस आचार संहिता की धज्जियाँ उड़ादी. वे न तो तीन बार झुके ,और न पीछे हटतेहुए गए. बल्कि मुड़कर आसन पर आए. इतना ही नहीं व्यंगात्त्म्क और उपहासात्मक हंसी हँसते हुए आए. पूर्ण दरबार एकदम सन्न रह गया. इतिहासकार अमर फारूकी ने कहा है की महाराजा सयाजीराव गायकवाड ने का यह कदम बहादुरी पूर्ण था. सयाजीराव एक प्रगतिशील राजा थे. आपने बालविवाह पर रोक लगाई.बरोड़ा मैं सूती मिलें और बैंके आरम्भ की. प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य और निःशुल्क घोषित किया. डा. भीम राव जी आंबेडकर को स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता दी. डा.भीम राव जी हमारे संविधान निर्माता हैं. जिन पर पुरे देश को गर्व है. और सबके दिल मैं उनके प्रति बड़ा सम्मान है. सन १९११ मैं कोई यह भविष्यवाणी भी नहीं कर सकता था की तीन दशक बाद देश आजाद हो जायगा. उस जमाने मैं सयाजी राव गायक वाडका यह कदम बड़ा साहसपूर्ण था. वे प्रजा मैं बड़े लोकप्रिय थे. वे चाहते थे की प्रत्येक भारतीय स्वाभिमान और अन्तः प्रेरणा से ओतप्रोत हो.राजधानी दिल्ली की १०० वीं वर्ष गांठ पर बधाई और महाराजा सयाजी राव गायक वाड को श्रद्धा पूर्वक नमन.
सदस्यता लें
संदेश (Atom)